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रुल ऑफ थर्ड्स (फोटोग्राफी में Rule of Thirds) क्या है?

फोटोग्राफी में रुल ऑफ थर्ड्स क्या है?- (Rule of Thirds in Hindi)

रुल ऑफ थर्ड्स फोटोग्राफी, चित्रकला, कॉमर्शियल विजुअल आर्ट, विज्ञापन, फिल्मांकन आदि क्षेत्रों में फ्रेम कंपोज करने का एक तरीका या तकनीकी निर्देशक नियम (Directive Principal) है। इसकी मदद से आप अपनी तस्वीर में रोचकता के कुछ अधिक तत्व डाल सकते हैं। इसमें होता यह है कि यदि तस्वीर के फ्रेम को नीचे चित्र में दिखाए अनुसार 2 क्षैतिज और 2 खड़ी रेखाओं की मदद से 9 बराबर चौकोर खानों (आयतों या Rectangles) में विभाजित किया जाए तो आपकी तस्वीर के मुख्य तत्व (Prime Element) को किसी रेखा पर या किसी कटान बिंदु पर होना चाहिए। इससे देखने वालों की नजर आपकी तस्वीर पर अधिक आकर्षित होती है और अधिक देर ठहरती है।

रुल ऑफ थर्ड्स का ग्रिड फॉर्मेट : Intersecting lines and ‘Points of Inerest’

फोटोग्राफी में रुल ऑफ थर्ड्स कोई compulsory निर्धारित नियम (रुल) नहीं है, बल्कि आपके लिए यह बस एक गाइडलाइन की तरह काम करता है। यह कोई अनिवार्य नियम नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि इसका पालन नहीं करके आप फोटोग्राफी या कला के किसी आधारभूत सिद्धांत का उल्लंघन करते हों। लेकिन, इस आलेख में दिए गए उदाहरणों की मदद से आप खुद पाएंगे कि रुल ऑफ थर्ड्स आपके फ्रेम को अधिक रोचक और आंखों के लिए अधिक सुखद बनाता है।

फोटोग्राफी में रुल ऑफ थर्ड्स मूलतः चित्रकला से लिया गया है। इसका इस्तेमाल चित्रकला के क्षेत्र में तब से किया जा रहा है जब फोटोग्राफी का जन्म भी नहीं हुआ था। चित्रकारों ने अपने अनुभव से यह पाया कि तस्वीर के मुख्य सब्जेक्ट को यदि फ्रेम के मध्य हिस्से से थोड़ा हटाकर दाएं, बाएं; ऊपर या नीचे (ऑफ-सेंटर) रखा जाए तो तस्वीर अधिक आकर्षक और सुगठित बनती है। जैसे, उगते सूरज को दर्शाने के लिए लिए उसे फ्रेम के ठीक बीच में न रख रखकर थोड़ा ऑफसेंटर यानी दाएं, बाएं; ऊपर या नीचे रखने से तस्वीर देखने में अधिक रोचक लगती है।

मजबूत और दमदार फ्रेम कंपोज करने के लिए रुल ऑफ थर्ड्स एक लोकप्रिय तरीका है। फोटोग्राफर और चित्रकारों द्वारा फ्रेम कंपोज करने में इस विधि का प्रयोग भरपूर किया जाता है। जैसा कि आपने जाना इसमें फ्रेम इस तरह कंपोज किया जाता है कि तस्वीर का मुख्य सब्जेक्ट ग्रिड लाइनों की किसी न किसी कटान बिंदु (Cross Point) पर रहे या उसे किसी लाइन पर भी रखा जा सकता है।

Rule of Thirds का इस्तेमाल : Off-Center सब्जेक्ट वाला फ्रेम
‘A shepherd girl at Hampi’ : f/9, 1/500sec, ISO-100 @48mm
फ्रेम के सेंटर में मुख्य सब्जेक्ट : a frame without following the ‘Rule of Thirds’

रुल ऑफ थर्ड्स को अपनी फोटोग्राफी में कैसे शामिल करें?

व्यवहार में यह संभव नहीं होता कि फोटो क्लिक करते वक्त ही फ्रेम को बिल्कुल सटीक तरीके से नौ ग्रिडों में बांटें और तब उसके क्रॉस पॉइंट पर मुख्य सब्जेक्ट को रखें। इसलिए, फोटो क्लिक करने से पहले जब आप फ्रेम कंपोज करें तो उसी वक्त आपको फ्रेम के मुख्य सब्जेक्ट को मध्य हिस्से से हटा कर अनुमान से इस तरह प्लेस करना चाहिए कि वह ग्रिड बनाने पर ग्रिड लाइन या क्रॉस-पॉइंट के ऊपर या उसके आस-पास रहे।

आप पोस्ट प्रॉसेसिंग के दौरान भी बड़ी आसानी से फ्रेम को 9 ग्रिडों में बांटकर फिर उसके क्रॉस-पॉइंट (या Point of Interest) पर मुख्य सब्जेक्ट को रख सकते हैं। इसके लिए आपको बड़े करीने अपनी तस्वीर को क्रॉप करना होगा। photoshop जैसा एडिटिंग टूल इसमें आपकी मदद करता है।

याद रखिए, रुल ऑफ थर्ड्स कोई ‘हार्ड एंड फास्ट’ रुल नहीं है। फ्रेम कंपोज करने के कई तरीकों में से यह एक तरीका है। फ्रेम कंपोज करना दरअसल एक कला है, आर्ट है। इसे किसी एक नियम से नहीं बांधा जा सकता। चूंकि फोटोग्राफर एक कलाकार भी है, तो उसे पूरी छूट होती है हर फ्रेम के साथ एक्सपेरिमेंट करने की। बहरहाल, रुल ऑफ थर्ड्स को समझकर आपको अपना फ्रेम कंपोज करने में सहूलियत होती है।

सब्जेक्ट को ऑफसेंटर रखने का यह कॉन्सेप्ट आपके फ्रेम को दमदार और ‘अपीलिंग’ बनाता है। आप इसके साथ प्रैक्टिस करें- फोटो क्लिक करते हुए भी और बाद में पोस्ट प्रॉसेसिंग के दौरान भी।

‘Rain Drop on Moss’ – f/8, 1/160sec, ISO-320 @105mm

दरअसल, फ्रेम में मुख्य सब्जेक्ट को कहां रखना है यह सबसे अधिक इस बात पर निर्भर करता है कि फोटोग्राफर दिखाना क्या चाहता है। इसलिए, रुल ऑफ थर्ड्स यदि एक नियम है तो कभी-कभी उसे तोड़कर आप अधिक बेहतर फ्रेम कंपोज कर सकते हैं।

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