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बातेंं फोटोग्राफी की!

फोटोग्राफी आलेख

मोबाइल फोन और DSLR में क्या अंतर है?

मोबाइल फोन और DSLR कैमरे में कोई मुकाबला नहीं है। मोबाइल फोन या स्मार्ट फोन में कैमरा एक अतिरिक्त फीचर के रूप में होता है। यह फोटो तो ले सकता है लेकिन चूंकि इसकी मुख्य भूमिका कैमरे की नहीं होती, तो इसलिए मोबाइल फोन से की जाने वाली फोटोग्राफी की अनेक सीमाएं होती हैं। फिर भी, चूंकि फोन हमारे साथ हमेशा रहता है तो इससे फोटो लेने के अवसर हमेशा DSLR कैमरे से अधिक होते हैं और यह सबके लिए सुलभ भी है।

मोबाइल फोन और DSLR के बीच मुख्य अंतर इन मामलों में होते हैं-

  • तस्वीर की गुणवत्ता (Image Quality)
  • शूटिंग स्पीड
  • फोकस क्षमता
  • लेंस की क्षमता और उसे बदलने की सुविधा
  • संचालन करने की सुविधा (Ergonomics)
  • फटाफट उपयोग और साथ ले जाने में सहूलियत

1.तस्वीर की गुणवत्ता

मोबाइल कैमरा और DSLR की इमेज क्वालिटी में जबर्दस्त फर्क होता है। इसका कारण है दोनों के Image Sensor  की साइज में अंतर। आम तौर पर मोबाइल फोन के इमेज सेंसर की तुलना में फुल-फ्रेम डीएसएलआर के इमेज सेंसर का लाइट सेंसिंग एरिया 3000 गुणा बड़ा होता है। इमेज सेंसर के क्षेत्रफल में इस फर्क के कारण मोबाइल फोन की तस्वीर इन मामलों डीएसएलआर से पिछड़ जाती है-

(i) फोटो डीटेल्स

DSLR की तस्वीर में स्मार्ट फोन की तुलना में अधिक डीटेल्स होते हैं। फोटो के ‘डीटेल्स’ (details) का क्या अर्थ है? किसी फोटो को 100% साइज पर बड़ा करके देखिए। उसमें छोटी-छोटी चीजों का स्पष्ट दिखाई पड़ना उस फोटो के डीटेल्स कहलाते हैं। मोबाइल फोन कैमरे की तस्वीर और डीएसएलआर की तस्वीर को फुल साइज देखकर आप खुद फर्क समझ जाएंगे।

लेकिन यहां एक बात ध्यान में रखें- अधिक डीटेल्स की जरूरत वहां पड़ती है जहां फोटो को बड़े साइज में प्रिंट कराना हो। सामान्य पोस्टकार्ड साइज प्रिंट में एक बढ़िया फोन कैमरे की तस्वीर और डीएसएलआर की तस्वीर के डीटेल्स में कोई व्यावहारिक अंतर दिखाई नहीं पड़ता।

(ii) कम रोशनी में फोटो

स्मार्ट फोन (मोबाइल फोन) के कैमरे यहां आकर डीएसएलआर कैमरे से पूरी तरह पिछड़ जाते हैं। दिन की भरपूर रोशनी या भरपूर आर्टिफिसियल लाइट में मोबाइल कैमरे और डीएसएलआर की तस्वीरों को देखने पर ज्यादा फर्क नहीं मालूम पड़ता। लेकिन, कम रोशनी वाले सिचुएशन में मोबाइल फोन की तस्वीर किसी काम की नहीं रह जाती। फोटो से ‘डीटेल्स’ चले जाते हैं और नॉइज की भरमार हो जाती है। हो सकता है आने वाले दिनों में मोबाइल कंपनियां कोई बड़ी तकनीकी खोज करके इस स्थिति को बदल दे, लेकिन फिलहाल यह मुमकिन नहीं!

(iii) प्लेन बैकग्राउंड (शैलो डेप्थ ऑफ फील्ड)

मोबाइल फोन के छोटे इमेज सेंसर से तस्वीरों में डीएसएलआर वाला प्लेन मखमली बैकग्राउंड पाना लगभग नामुमकिन होता है। यह केवल बड़े साइज के इमेज सेंसर से संभव होता है।

2.शूटिंग स्पीड

डीएसएलआर कैमरे से एक ही सेकेंड में धड़ाध‌ड़ एक के बाद एक कई फोटो ली जा सकती है, जो मोबाइल से संभव नहीं होता। दूसरी बात, शटर स्पीड भी इतनी नहीं होती कि आप तेज गाति से भागते सब्जेक्ट का शार्प या मनचाहा मोशन-ब्लर्ड फोटो खींच सकें। डीएसएलआर में आप सामान्यतः 30 सेकेंड से लेकर 1/4000 या 1/8000 सेकेंड की शटरस्पीड यूज कर सकते हैं, जिससे गतिमान चीजों को फोटो में मनचाहे रूप में दिखाया जा सकता है। इसके कुछ उदाहरण हैं‌-  हवा में उछाली हुई गेंद या उड़ती हुई चिड़िया का मोशन फ्रीज, बहते पानी का स्लो मोशन में मखमली इफेक्ट।

3.फोकस क्षमता

कैमरे की फोकस क्षमता उसकी एक अहम खासियत है। सही और सटीक फोकस से शार्प तस्वीर मिलती है। DSLR कैमरे से बड़ी सरलता से तुरंत और सटीक फोकस प्राप्त किया जा सकता, जो फोन कैमरे से संभव नहीं होता। किसी भागती हुई चीज पर और कम रोशनी वाली स्थिति में भी डीएसएलआर एक्युरेट फोकस करता है, जबकि फोन कैमरा से हम ऐसा नहीं कर पाते।

4.लेंस की क्षमता और उसे बदलने की सुविधा

आपने जरूर देखे होंगे डीएसएलआर कैमरे के बड़े-बड़े लेंस! ये यूं ही इतने बड़े नहीं होते। लेंस के जरिए कैमरे को फोटो बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में प्रकाश मिलता है। डीएसएलआर के चौड़े मुंह वाले लेंस इमेज सेंसर तक अधिक मात्रा में प्रकाश पहुंचाने की क्षमता रखते हैं, जबकि फोन कैमरे के लेंस उस तुलना में कहीं नहीं टिकते।

न ही फोन में हम अलग-अलग प्रकार के लेंस फिटकर विभिन्न प्रकार की फोटोग्राफी कर सकते हैं। आप सोचिए जरा, क्या मोबाइल से डीएसएलआर की तरह टेली-लेंस लगाकर दूर बैठी चिड़िया की तस्वीर ली जा सकती है!

5.संचालन करने की सुविधा (Ergonomics)

डीएसएलआर में आप अलग-अलग बटनों और डायल्स की मदद से जरूरत के हिसाब से फटाफट सेटिंग बदलकर मनचाही तस्वीर ले सकते हैं, जबकि मोबाइल फोन कैमरे में ऐसा करना संभव नहीं होता।

6.कहीं भी उपयोग और साथ ले जाने में सहूलियत

यही एक बिंदु है जहां मोबाइल फोन और DSLR का अंतर मोबाइल फोन के पक्ष में जाता है। मोबाइल फोन हल्का और पतला होने के कारण आसानी से हमारी जेब में भी सरक जाते हैं। इन्हें हर वक्त आप अपने साथ रख पाते हैं और किसी भी परिस्थिति में और किसी भी जगह पर इसे निकालना और इससे फोटो लेना सुविधाजनक होता है। दूसरे लोगों को भी इससे असहजता नहीं होती। जबकि, सार्वजनिक स्थलों पर, ट्रेन, बस या प्लेन में सफर करते हुए; या बाजार, रेलवे-स्टेशन, एयरपोर्ट जैसी जगहों पर डीएसएलआर बेवजह सबका ध्यान खींच लेता है। ..और यह भी कि फोन से सेल्फी का मजा क्या कभी डीएसएलआर से आ सकता है!

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